Thursday, June 20, 2013

Save Water, Save Life

सुना है महादेव की तुम बिना पोर्टफोलियो के मिनिस्टर की श्रेणी में आते हो
विद्या के लिए सरस्वती
धन के लिए लक्ष्मी
शरीर के लिए कामदेव
तुम्हारा क्या काम है

हाँ थोडा बहुत पानी निकलता है तुम्हारे जटाओं से
मगर सच पूछो तो वोह पीने लायक नहीं है
गलती से कोई पी ले तो तुमहारे चिल्लम की तरह धुआं धुआं हो जाए उसकी ज़िन्दगी

मगर इसका मतलब यह नहीं की तुम अपने ego पर काबू न रखो
बिना पोर्टफोलियो के भी तुमहारे काफी प्रशंसक हैं
अब यह क्या तुम्हे शोभा देता है की  उन्हीं प्रशंसकों को प्रलय में झोंक दो

अरे महादेव, ज़रा ठहरो, धर्य रखो
इतना पानी बहा रहे हो
और पीने के लिए पानी नहीं है
Please remember 'Save Water, Save Life'

Wednesday, February 13, 2013

बहुत सालों के बाद किसी का ज़िक्र आ गया

बहुत सालों के बाद किसी का ज़िक्र आ गया
युहीं बातों बातों में
निकल आये रिश्ते, निकल आये कहानियां
कुछ सुनी, कुछ अनसुनी
बहुत सालों के बाद किसी का ज़िक्र आ गया ...

वोह बता रह थे उसके बारे में
मैं खुद को रोक खड़ा था
तुम मुझे क्या बताओगे जो मुझे पहले से मालूम नहीं
उसकी मुहब्बत, उसकी तन्हाई, उसकी सिसकियाँ
उसकी बेवाफैयाँ, उसकी दोस्ती, उसका चेहरा
जो कभी न भूल पाऊँगा मैं
बहुत सालों के बाद किसी का ज़िक्र आ गया