बहुत खामोश रहते हैं वो,
जवाब नहीं देना एक बात है
मगर सवाल को अनसुना कर देना
ख़ामोशी से बत्तर है|
वक़्त वक़्त की बात है
कभी उनके सवाल ख़तम नहीं होते थे
अब हर सवाल पे जैसे दम निकलता है|
चलो यह भी सह लेंगे
आखिर उसने कभी तो मुहब्बत का इज़हार किया था|
Thursday, March 15, 2012
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