बदरा बदरा करने वालों
ज़रा सोचो उस किसान की
जो कटाई करने वाला है|
इक बारिश, कुछ बूँदें
बेशक तुम्हारे दिल को ठंडक पहुंचाए
मगर उसके लिए एक खौफ का नज़ारा है|
हल जोता है, फल के सपने पिरोयें हैं
पानी ढो कर सींचा है
आज, उसी पानी से डर है!
फल, फसल, पेट, आज तीनों को खतरा है|
ओ बादल,
लौट जा, बिखर जा
आज मत बरस
गर्मी की इस तपती लू
उस किसान के तपने से बेहतर है|
Wednesday, April 11, 2012
Thursday, March 15, 2012
यह मुहब्बत सवालों की मोहताज नहीं
बहुत खामोश रहते हैं वो,
जवाब नहीं देना एक बात है
मगर सवाल को अनसुना कर देना
ख़ामोशी से बत्तर है|
वक़्त वक़्त की बात है
कभी उनके सवाल ख़तम नहीं होते थे
अब हर सवाल पे जैसे दम निकलता है|
चलो यह भी सह लेंगे
आखिर उसने कभी तो मुहब्बत का इज़हार किया था|
जवाब नहीं देना एक बात है
मगर सवाल को अनसुना कर देना
ख़ामोशी से बत्तर है|
वक़्त वक़्त की बात है
कभी उनके सवाल ख़तम नहीं होते थे
अब हर सवाल पे जैसे दम निकलता है|
चलो यह भी सह लेंगे
आखिर उसने कभी तो मुहब्बत का इज़हार किया था|
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